Sunday, December 22

विश्व जागृति मिशन गाजियाबाद मण्डल द्वारा रामलीला मैदान में आयोजित चार दिवसीय विराट भक्ति सत्संग महोत्सव के दूसरे दिवस के सायंकालीन सत्र में उपस्थित भक्तों को सम्बोधित करते हुए राष्ट्र सन्त श्रद्धेय सदगुरुदेव श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की संजीवनी ” श्रीमद्भागवत गीता” का आत्मसात करने का सौभाग्य मिला है, व्यक्ति सतयुग में जीना चाहते हैं, अपने घर में खुशी मिले, सुख सौभाग्य में वृद्धि हो, अपने भीतर में ही कुछ क्रान्ति घटित करने की आवश्यकता है। अपने अन्दर दिव्यता उत्पन्न करें, सभी के अन्दर दानवीयता बहुत जल्दी उत्पन्न हो जाती है। अच्छाई और सच्चाई व्यक्ति को सिखानी पड़ती है। हर दिन प्रत्येक दिवस बदलना आवश्यक है। जब तक नहीं सुधरेंगे नहीं, तब तक कुछ भी बदलाव सम्भव नहीं है। पूज्य महाराजश्री ने कहा कि व्यक्ति के जीवन को उनकी आदतें चलाती है।


पूज्य महाराजश्री ने कहा कि कर्म करने वाले बनें, तकदीर खुद ही बदल जाएगी। शिष्ट व्यक्ति को ही शिष्टाचार मिलेगी। कुछ कमियां हर किसी के जीवन में है, परमात्मा ने सभी व्यक्ति को बहुत कुछ दिया है। अपनी जिन्दगी को खुशहाल बनाकर जीवन को जिएं, आनन्द से खिल उठेगा। बर्दाश्त करने से रिश्ते निभते हैं और नहीं करने से भरा पूरा परिवार में खटास आ जाते हैं इसलिए प्रभु की शरण में जाएं और अपने सद्गुरु को पूर्ण समर्पण भाव रखते हुए कर्म करें, जिन्दगी खुशी से भर जाएगा।
राष्ट्रीय सहारा अखबार के सम्पादक और लेखक के धनी रवि शंकर तिवारी ने यमुना रक्षा के लिए भाई दूज 2024 से वर्ष 2025 के भाई दूज तक यमुना की रक्षा के लिए भिक्षु के रूप में निकले हुए हैं। सफल यात्रा के लिए गाजियाबाद में चल रहे सत्संग में आकर पूज्य गुरुदेव से आशीष लिया।

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