
ग़ाज़ियाबाद के रामलीला मैदान में आयोजित ध्यान साधना सत्र के दूसरे दिवस के प्रातःकालीन सत्र में उपस्थित साधकों को बोलते हुए पूज्या डॉ. अर्चिका दीदी जी ने कहा कि मन की यात्रा ऐसी होती है, वह कभी भी किसी भी एक स्थान पर हमें टिकने नहीं देती है। कितना भी मन को हम लगाने की कोशिश करें, मन वहां से भटक जाता है। आप सोचते हैं कि मैं अपना मन को लगाऊंगा, उस तरफ ध्यान दूंगा, जितना ही सोचते हैं, उतना ही मन हमारा भटक जाता है। जो कार्य हम मन में सोचते हैं, वह पूरा नहीं होता है और मन भटक जाता है। मन जिस चीज को पसंद करता है, वह वहीं पर जाना चाहता है। जो चीज उसको सरल लगती है और अच्छी लगती हैं और उसी तरफ ही जाना चाहेगा लेकिन जहां पर उसे अच्छा नहीं लगता है, मन वहीं से छुटकारा पाकर दूसरी तरफ भागना चाहता है।
अपना दोनों हाथ जोड़कर परमात्मा और सदगुरुदेव का धन्यवाद करें।

India Raftaar – Bringing News From India
- मधुमेह दवाओं की अनुपलब्धता और दवा वितरण में अनियमितता: GTB अस्पताल दिल्ली की DEM बिल्डिंग फार्मेसी पर आरोप
- उत्तर प्रदेश : 26 सितंबर को होगा संतोष ऐकेडेमिया टैलेंट एग्जामिनेशन का आयोजन
- ऐतिहासिक व्यक्तित्वों में व्यक्तित्व विकार के संकेत: एक शैक्षिक गाइड
- ग़ाज़ियाबाद के लोहिया नगर में स्थित शुभारंभ द लर्निंग स्कूल ने अपनी पहली वर्षगांठ के उपलक्ष में भव्य उत्सव आयोजित किया
- जिला युवा कांग्रेस कार्यालय पर आयोजित कार्यक्रम में बाबा साहेब के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित