Sunday, December 22

गाजियाबाद– हृदय प्रान्त उत्तर प्रदेश राज्य के प्रमुख शहर गाजियाबाद में एक लम्बे अन्तराल के उपरान्त विश्व जागृति मिशन के गाजियाबाद मण्डल द्वारा चार दिवसीय विराट भक्ति सत्संग महोत्सव का आयोजन किया गया है, जिसको सम्बोधन करने के लिए मनीषा जगत के सिरमौर एवं मिशन के संस्थापक अध्यक्ष परम श्रद्धेय सदगुरुदेव श्री सुधांशु जी महाराज के व्यास मंच में आने पर स्वागत एवं अभिनन्दन सर्वश्री सुरेन्द्र मोहन शर्मा, सत्येन्द्र सिंह, राजकुमार देवाकर एवं सतीश शर्मा ने किया। इस शुभ मौके पर व्यास पीठ का पूजन मण्डल के प्रधान सुरेन्द्र मोहन शर्मा के द्वारा सम्पन्न हुआ।


रामलीला मैदान के सत्संग पांडाल में उपस्थित गुरु भक्तों एवं धर्मप्रेमियों बन्धुओं को संबोधित करते हुए परम पूज्य महाराजश्री ने कहा कि परमेश्वर की असीम कृपा होती है, जब भगवान के चरणों में ध्यान लगे, उनसे जुड़ना और अपने निज रूप में आना एक सौभाग्य है। प्रेम, पवित्रता, शांति, उत्सव और ज्ञान और साथ आनंदित में रहना और कर्मशील बने रहना। सभी के जीवन की मुस्कान खो जाती है, इस दुनिया में दुःख भोगने नहीं आए हैं, परमात्मा ने यह जीवन है प्रसन्ना में रहना लेकिन कहां खो गया हमारा उल्लास और शान्ति। भगवान श्रीकृष्ण अपने मुकुट में मोर पंख लगाए हुए हैं, मोर उत्सव का प्रतीक है, आनन्द का प्रतीक है। आनन्द, उत्साह और उल्लास में रहना यही प्रतीक है मोर पंख मुकुट पर होने का। जीवन में भगवान श्रीकृष्ण ने मुस्कराने और उल्लास में रहने के लिए कहा।


उन्होंने कहा कि उल्लास मनाते हुए हर दिन की शुरुआत करें और शाम को मुस्कुराते हुए अपने शयन में जाएं। बहुत ही सुन्दर अवसर है गीता जयंती के मौके पर भगवान श्रीकृष्ण के श्रीमदभागवत गीता सुनने का अवसर प्राप्त हुआ है। परमात्मा को धन्यवाद करें और उनकी कृपा को अनुभव करें। भगवान की वाणी जो हमारे जीवन को विशेषता प्रदान करते हैं, व्यवहार में शिष्टता लाते हैं, ऐसी वाणी का आप चिंतन मनन करें। निर्भय व्यक्ति समस्या पर कम ध्यान देते हैं बल्कि समाधान पर ज्यादा ध्यान देते हैं। आपका ध्यान केवल रोग पर नहीं होना चाहिए बल्कि दवाई पर होना चाहिए।
विश्व जागृति मिशन गाजियाबाद मण्डल के प्रधान श्री एसएम शर्मा जी ने बताया कि एक लम्बे अरसे के बाद सौभाग्य मिला है कि अपनों के बीच हम सभी के आराध्य परम श्रद्धेय सदगुरुदेव श्री सुधांशु जी महाराज का आगमन हुआ है। उन्होंने शहरवासियों से बढ़चढ़ कर हिस्सा लेकर अपने जीवन को धन्य करने को कहा। गाजियाबाद शहर आने पर पूज्य महाराजश्री जी का स्वागत एवं अभिनन्दन सिद्ध पीठ दूधेश्वर महादेव मंदिर के महंत नारायण गिरी जी ने किया।

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