• ASSOCHAM के सहयोग से 10,000 पेड़ लगाए गए
• वोल्वो ने अपनी बेची गई प्रत्येक EV के लिए 5 पेड़ लगाए हैं और रिवर्स प्रोजेक्ट में शामिल होने वाले अन्य EV मालिकों के लिए 4 पेड़ लगाएंगे।
नई दिल्ली 26 जून, 2024: सस्र्टेबिलिटी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के तहत, वोल्वो कार इंडिया ने ASSOCHAM के साथ मिलकर रिवर्स प्रोजेक्ट नामक एक महत्वाकांक्षी पहल की शुरुआत की, जिसने सिद्धार्थ विहार, गाजियाबाद डंप-यार्ड क्षेत्र को एक संपन्न शहरी जंगल में बदल दिया। रिवर्स प्रोजेक्ट का पर्यावरण पर गहरा प्रभाव पड़ने वाला है, जिसमें वोल्वो 10000 पेड़ लगाने का समर्थन करेगा और सिद्धार्थ विहार-गाजियाबाद में अगले 4 वर्षों तक शहरी जंगल की देखभाल करेगा। कचरा और निर्माण अपशिष्ट डंपिंग के कारण लैंडफिल एक बड़ा पर्यावरणीय खतरा था। अब इसे एक हरे-भरे फेफड़े में बदल दिया गया है जिसकी शहर को वास्तव में जरूरत है।
वोल्वो ने अब तक बेचे गए अपने प्रत्येक इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) के लिए 5 पेड़ लगाए हैं, साथ ही अन्य ईवी मालिकों के लिए 4 पेड़ भी लगाएंगे जो रिवर्स प्रोजेक्ट से जुड़ना चाहते हैं। एक बार प्रोजेक्ट से जुड़ने के बाद, अन्य ब्रांड के ईवी मालिक अपने ईवी पर चलाए गए माइलेज के अनुरूप अपने नाम पर पेड़ रख सकते हैं। इसके अलावा, अन्य ईवी मालिक भी इस पहल में शामिल होने का संकल्प ले सकते हैं। यह अभिनव दृष्टिकोण न केवल स्थिरता के प्रति वोल्वो के समर्पण को रेखांकित करता है, बल्कि एक हरित और स्वस्थ भविष्य की दिशा में एक सार्थक कदम भी दर्शाता है।
वोल्वो कार इंडिया के प्रबंध निदेशक श्री ज्योति मल्होत्रा ने कहा, “रिवर्स प्रोजेक्ट पूरे भारत में कार मालिकों को पर्यावरण को हो रहे नुकसान को कम करने में योगदान करने का अवसर देता है। वोल्वो कार न केवल हर वोल्वो ईवी खरीदने पर 5 पेड़ लगाएगी, बल्कि अन्य ईवी मालिकों को भी ऐसा ही अवसर देगी। चाहे आप भारत में कहीं भी हों और आप कोई भी ईवी चलाते हों, एक बार जब आप रिवर्स प्रोजेक्ट साइट पर पंजीकरण कर लेते हैं, तो आपके द्वारा चलाए गए हर 5000 किलोमीटर के लिए अर्बन फॉरेस्ट में 4 पेर्डो का नाम आपके नाम पर रखे जायेंगे। किलोमीटर को पेड़ों में बदलने का इससे बेहतर तरीका और क्या हो सकता है। अन्य ईवी उपयोगकर्ताओं के लिए एक बार प्रतिज्ञा लेने पर, उनकी ओर से 3 पेड़ों का नाम रखा जाएगा”
रिवर्स प्रोजेक्ट पहल 2040 तक एक सस्टॅबिलिटी को बढ़ावा देने और शुद्ध कार्बन तटस्थता प्राप्त करने के वोल्वो कार इंडिया के व्यापक लक्ष्य के साथ संरेखित है। उनका समर्पण उनके वाहनों से भी आगे तक जाता है क्योंकि उन्होंने शहरी कूड़ाघर को शहरी वन में बदल दिया है। इस आवश्यक पर्यावरणीय प्रयास में उनकी भागीदारी को मान्यता देते हुए एक प्रमाण पत्र प्रत्येक व्यक्ति को दिया जाएगा जो विश्व की दिशा बदलने के अपने मिशन में वोल्वो कार इंडिया के साथ जुड़ेगा।*वोल्वो कार इंडिया में हमारा मिशन बेजोड़ सुरक्षा और स्थिरता प्रदान करना है। यह प्रतिबद्धता हमारे रिवर्स प्रोजेक्ट प्रयासों को आगे बढ़ाती है, जिसमें इस बात पर जोर दिया जाता है कि पर्यावरण संरक्षण एक सामूहिक जिम्मेदारी है। हम चार साल तक इस शहरी जंगल की देखभाल करने के लिए खुद को प्रतिबद्ध करते हैं, हम दूसरों को भी भाग लेने के लिए आमंत्रित करते हैं और अपने नाम पर एक पेड़ का नाम रखकर मान्यता प्राप्त करते हैं, वोल्वो कार इंडिया की मार्केटिंग और पीआर निदेशक सुश्री ज्योत्सना सिंह कौशिक ने कहा।
एसोचैम के महासचिव और एसोचैम फाउंडेशन फॉर सीएसआर (एएफसीएसआर) के ट्रस्टी श्री दीपक सूद ने कहा, “वोल्वो और एएफसीएसआर का यह सहयोगात्मक प्रयास उद्योग के लिए एक सराहनीय उदाहरण है। यह उस परिवर्तनकारी प्रभाव को दर्शाता है यह साझा पर्यावरणीय जिम्मेदारी से आने वाली परिवर्तनकारी शक्ति को दर्शाता है। एएफसीएसआर इस तरह के प्रयासों का दृढ़ता से समर्थन करता है क्योंकि यह बताता है कि एक टिकाऊ भविष्य बनाना कितना महत्वपूर्ण है।
इसके अलावा, श्री सूद ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण और सुरक्षा न केवल पर्यावरण के लिए आवश्यक है, बल्कि प्रभावी व्यावसायिक तरीके भी हैं। दीर्घकालिक आर्थिक विकास और हरित नौकरियों के सृजन को बढ़ावा देने के अलावा, टिकाऊ प्रथाओं में निवेश करना और प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करना भी लचीले समुदायों का समर्थन करता है। संरक्षण के प्रति आज की प्रतिबद्धता से कल की समृद्ध अर्थव्यवस्था और एक स्वस्थ पृथ्वी संभव है।
यह हमारी वैश्विक परियोजना “फॉर लाइफ फंड” के विचार के अनुरूप है, जिसके साथ हमारा लक्ष्य जैव विविधता और महासागर स्वास्थ्य को संबोधित करने में मापनीय प्रभाव डालना है, जो हमारे व्यापक जलवायु कार्रवाई का पूरक है, प्रकृति का प्रत्यक्ष रूप से समर्थन करता है और अप्रत्यक्ष रूप से लोगों के जीवन में सुधार करता है।
अपने सतत मिशन के हिस्से के रूप में, वोल्वो कार इंडिया ने पहले ही उत्तर प्रदेश और हरियाणा के 4 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर सौर ऊर्जा पैनल स्थापित किए हैं, जिससे कुल 50 किलोवाट कैप्टिव सौर ऊर्जा प्राप्त हुई है। कंपनी ने हरियाणा के एक जैव विविधता पार्क में 10 किलोवाट के सौर पैनल भी लगाए हैं।