
स्वामी शिवानंद उर्फ ‘वाराणसी के योग गुरु‘ का जन्म… सांस रोकें… 1896 में हुआ था (हालांकि यह तारीख असत्यापित है)।
योग में उनके योगदान और उनकी असाधारण दीर्घायु के लिए उन्हें व्यापक मान्यता मिली। पेशे से, वह एक ‘अत्याधुनिक’ योग शिक्षक हैं,
जिन्होंने अपना जीवन योग के अभ्यास और शिक्षण के लिए समर्पित कर दिया है।
आप उन्हें वाराणसी के घाटों पर योग सिखाते हुए पा सकते हैं। वह गरीबों और जरूरतमंदों को खाना खिलाकर मानवता की सेवा कर रहे हैं।
वर्ष 2022 में, उन्हें प्रतिष्ठित पद्म श्री से सम्मानित किया गया, जो भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक है।
यह योग में उनके योगदान को देखते हुए था।इसके साथ, वह 125 वर्ष की आयु में पद्म श्री प्राप्त करने वाले सबसे उम्रदराज व्यक्ति बन गए!